"मेरा भारत महान लिखता हूं" - A Poem by Bhushan Vashisth || Vashisth Poetry ||

"मेरा भारत महान लिखता हूं"

By Bhushan Vashisth

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"मेरा भारत महान लिखता हूं"

"कभी संतों की वाणी,
कभी महाभारत का शंखनाद लिखता हूं,
जिस पावन‌ मिट्टी पर जन्म लिया,
उस मिट्टी का मैं गुणगान लिखता हूं।"

"मैं भारत से हूं,
मेरा भारत महान लिखता हूं।"

"लिखता हूं गाथाएं वीरों की,
वीरता के मैं बखान लिखता हूं,
लिखता हूं भारत माता की जय,
जय जवान, जय किसान लिखता हूं।"

"मैं भारत से हूं,
मेरा भारत महान लिखता हूं।"

"जो जन्म मिला इस भूमि पर,
इसे ईश्वर का वरदान लिखता हूं,
जो भाव रखे वसुधैव कुटुंबकम् का,
उस देश को मैं हिंदुस्तान लिखता हूं।"

"मैं भारत से हूं,
मेरा भारत महान लिखता हूं।"

"लिखता हूं इसको जान‌ अपनी,
तिरंगे को इसकी शान लिखता हूं,
हर धड़कन पर हिंदुस्तान,
हर सांस इसके नाम लिखता हूं।"

"मैं भारत से हूं,
मेरा भारत महान लिखता हूं।"

~भूषण वशिष्ठ





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Jai Hind.


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