"ना रुक तू"- Motivational-Poem-in-Hindi By Bhushan Vashisth || Vashisth Poetry ||

  

"ना रुक तू"- Motivational-Poem-in-Hindi

By Bhushan Vashisth

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"ये ठहराव लंबा हो चला, क्यों बार - बार रुक रहा, ये सांसें तेरी थम गई, या रक्त तेरा जम गया।"  "खुद को वो है कोस रहा, जो राह से वापस लौट गया, क्यों थमा, क्यों रुका वो, वजूद उसका पूछ रहा।"  "रक्त में उबाल रख, ना रुक यूं हार कर, बवाल कर, भूचाल कर, उठ चल कुछ कमाल कर।"  "राहें तुझे निहारती, कभी तुझको है तलाशती, क्यों रुका है, क्यों थक गया, मंजिल तुझे पुकारती।"  "रण भूमि से भागे जो, कायर वो कहलाएगा, ना त्यागे शस्त्र, लड़े अंत तक, वो योद्धा महान बन जाएगा।" Bhushan Vashisth  , Vashisth poetry , motivationalpoem , inspirationalpoem , motivationalpoeminhindi

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"ना रुक तू"


"ये ठहराव लंबा हो चला,
क्यों बार - बार रुक रहा,
ये सांसें तेरी थम गई,
या रक्त तेरा जम गया।"

"खुद को वो है कोस रहा,
जो राह से वापस लौट गया,
क्यों थमा, क्यों रुका वो,
वजूद उसका पूछ रहा।"

"रक्त में उबाल रख,
ना रुक यूं हार कर,
बवाल कर, भूचाल कर,
उठ चल कुछ कमाल कर।"

"राहें तुझे निहारती,
कभी तुझको है तलाशती,
क्यों रुका है, क्यों थक गया,
मंजिल तुझे पुकारती।"

"रण भूमि से भागे जो,
कायर वो कहलाएगा,
ना त्यागे शस्त्र, लड़े अंत तक,
वो योद्धा महान बन जाएगा।"

~भूषण वशिष्ठ


"ये ठहराव लंबा हो चला, क्यों बार - बार रुक रहा, ये सांसें तेरी थम गई, या रक्त तेरा जम गया।"  "खुद को वो है कोस रहा, जो राह से वापस लौट गया, क्यों थमा, क्यों रुका वो, वजूद उसका पूछ रहा।"  "रक्त में उबाल रख, ना रुक यूं हार कर, बवाल कर, भूचाल कर, उठ चल कुछ कमाल कर।"  "राहें तुझे निहारती, कभी तुझको है तलाशती, क्यों रुका है, क्यों थक गया, मंजिल तुझे पुकारती।"  "रण भूमि से भागे जो, कायर वो कहलाएगा, ना त्यागे शस्त्र, लड़े अंत तक, वो योद्धा महान बन जाएगा।" Bhushan Vashisth  , Vashisth poetry , motivationalpoem , inspirationalpoem , motivationalpoeminhindi





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